एक युद्ध नशे के विरूद्ध कार्यक्रम का शुभारंभ

Welcome to Government Rewti Raman Mishra PG College, Distt.-Surajpur

एक युद्ध नशे के विरूद्ध कार्यक्रम का शुभारंभ


Venue : -
Date : 02-28-2022
 

Story Details


आज शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर में जिला प्रशासन सूरजपुर के द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस एस अग्रवाल जी के सहयोग एवं कुशल मार्गदर्शन से एक युद्ध नशा के विरुद्ध कार्यक्रम का सफल आयोजन एवं शुरुआत किया गया। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस एस अग्रवाल ने किए। जिला प्रशासन सूरजपुर की ओर से नशा के संबंध में महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को जानकारी प्रदान के लिए श्रीमती कविता मंडल केश वर्कर सखी वन स्टॉफ सेंटर सूरजपुर, डॉ दीपक मरकाम डेंटिस्ट तंबाकू नियंत्रण नोडल अधिकारी सूरजपुर, डॉ राजेश पैकरा चिकित्सा अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य सूरजपुर, श्रीमती गीता वाधवानी अनुविभागीय अधिकारी जिला पुलिस सूरजपुर, श्री मनोज जायसवाल बाल संरक्षण अधिकारी सूरजपुर आदि उपस्थित रहें।
कविता मंडल ने बताया कि मादक द्रव्य दुरूपयोग सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण है, इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यवहार जैसे कि चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामाजिक कलंक तथा समाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी हैं इसलिए मनुष्य को नशे से मिलों दूर रहना चाहिए।
डॉ दीपक मरकाम बताया कि जिसे नशे की लत है, वह जब तक न मिले, पीड़ित व्यक्ति बेचैन और असामान्य बना रहता है। जब वह नशा उसे मिल जाता है, तो वह कुछ समय के लिए सामान्य महसूस करने लगता है। निरंतर नशे का आदि व्यक्ति अंदर से बेहद कमजोर और बीमार और खोखला होता जाता है।
डॉ राजेश पैकरा जी ने बताया कि कुछ समय के लिए मस्ती देने वाले नशीले द्रव्यों के निरंतर सेवन से मनुष्य के तन-मन निष्क्रिय और शिथिल हो जाते हैं, दृष्टि कमजोर हो जाती है, पाचनशक्ति मंद पड़ जाती है तथा हृदय और फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है। इससे स्वास्थ्य चौपट हो जाता है और मनुष्य असमय ही मृत्यु का द्वार खटखटाने लगता है।
श्रीमती गीता वाधवानी ने बताया कि नशे की लत ने कई परिवार उजाड़ दिए हैं और नशे की वजह से ही अपराध की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। यहां तक कि नशे की आदत से सुसाइड के केस भी बढ़ रहे हैं। लोग नशे की लत में इतने उलझ गए हैं कि मादक पदार्थों की ये लत लोगों को खुदकुशी तक ले जा रही है और नशे की वजह से लोग अपने माता-पिता, भाई - बहन तक की हत्या कर दे रहे हैं इसलिए नशे से सभी को बचकर रहना चाहिए।
इस मौके पर आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ एस एस अग्रवाल जी ने बताया कि कि आमतौर पर आज के समय में नशा से होने वाले नुकसान के बारें में हर कोई जानता है लेकिन फिर भी वह इसे बड़े शौक के साथ लेता है। युवा शराब, सिगरेट, ड्रग्स सहित न जाने कितनी जहरीली चीजों का सेवन करते है। वह इन चीजों के इतने ज्यादा लती हो जाते है कि इसके बिना शायद ही वो रह पाते है। अत: हमेशा सभी को नशे से बच कर रहना होगा तभी एक अच्छे जीवन की कल्पना कर सकते हैं।
श्री मनोज जायसवाल जी ने बताया कि हम किसी भी नशे को अपनी प्रबल इच्छा शक्ति से स्वयं को शिकार बनने से रोक सकते है। नशा करने से शरीर को अंदर से नुकसान होता है। जिससे व्यक्ति में कमजोरी आने लगती है। ऐसे में वह थोड़ा-सा काम करने पर भी थक जाते है। ड्रग्स का सेवन या ड्रग्स की लत एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो न केवल पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है बल्कि विभिन्न आयु के लोगों को भी प्रभावित करती है। यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है‌।  ऐसे ड्रग्स की लत के कारण भूख और वजन, कब्ज, चिंता का बढ़ना और चिड़चिड़ापन, नींद आना और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है इससे बेहतर होगा कि नशे से मनुष्य दूर रहें।
आज के इस कार्यक्रम का  मंच संचालन श्री भानु प्रताप आहिरे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, अतिथि व्याख्याताएं एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

एक युद्ध नशे के विरूद्ध कार्यक्रम का शुभारंभ Photos