Vision (परिकल्पना)
महाविद्यालय का ध्येय वाक्य है ‘जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’; यह पद्यांश महाकवि वाल्मीकि द्वारा रचित संस्कृत महाकाव्य रामायण से ली गई है जिसका अर्थ है, जननी (माता) और जन्मभूमि का स्थान स्वर्ग से भी श्रेष्ठ एवं महान है । संस्था का प्रयोजन विद्यार्थियों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा एवं नैतिक मूल्यों का विकास कर उन्हें राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक रुप में तैयार करना है।
Mission(लक्ष्य)
- To empower student with relevant knowledge, competence and certainty to face various challenges.
- To achieve diverse profile of our learner through Teaching and learning, co-curricular, extracurricular and social activities.
- As the institution is situated at the rural area so the mission of the institution is to provide higher education facility to students come from villages.
Objectives (उद्देश्य )
- 1) ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा का प्रचार – प्रसार |
- 2) ग्रामीण क्षेत्र के युवा विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करना |
- 3) वैश्विक ग्राम की अवधारणा के इस युग में वैश्विक ज्ञान से गाँव के छात्र-छात्राओं को जोड़ना |
- 4) विद्यार्थियों में अनुशासन, तर्कशीलता, वैज्ञानिक चेतना, स्वविवेक एवं आचरण की श्रेष्ठता का विकास |
- 5) समाज के कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं को शक्तिमान बनाना |