समाजशास्त्र विषय का अध्यापन स्नातक स्तर पर वर्ष 1984 में प्रारम्भ हुआ, वर्ष 2016 में स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली के तहत समाजशास्त्र की कक्षाए प्रारम्भ हुई । अक्टूबर 2021 मेें समाजशास्त्र विभाग को शोधकेन्द्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई । वर्तमान में स्नातकोत्तर स्तर पर 42 छात्र/छात्राए अध्ययनरत है। स्नातक एव स्नातकोत्तर समाजशास्त्र के विभिन्न शाखाओं का शिक्षण कार्य किया जाता ह। स्नातकोत्तर समाजशास्त्र एम ए सेमेस्टर के सभी कक्षाओं में सी.बी.सी.एस.पद्वति लागू है जिसमें नियमित कक्षाओं के साथ साथ विषय से संबंधित व्याख्यान अन्य महाविद्यालय के प्राध्यापको द्वारा कराया जाता है समाजशास्त्र विभाग परिषद के गठन के अन्तगर्त लोक संस्कृति का विकास ,जनजातियों का अध्ययन एवं महिलाओं की सुरक्षा ,संरक्षण एवं अधिकारो के प्रति जागरूक करने हेतु कार्यक्रम कराए जाते है और छात्र छात्राओं द्वारा सेमिनार कराए जाते है। समाजशास्त्र का उद्देश्यः नैतिक और मूल आधारित शिक्षा के माध्यम से छात्र के बहुआयामी व्यक्तित्व को ध्यान देते हुए समाज में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति की रचना है साथ ही छात्र -छात्राओं को उच्च शिक्षा , शोधकार्य एवं उत्कृष्ट रोजगार दिलाने हेतु प्रयास करता है। साथ ही समाज की समस्याओं का अध्ययन कर उसे दूर करने में समाजशास्त्र अपनी महती भूमिका निभाता है। इस तरह समाजशास्त्र विभाग के छात्र/छात्राओं के बहुआयामी व्यक्तित्व का निर्माण करते हुए उन्हे समाज में अच्छे व्यक्तित्व के रूप में प्रतिष्ठित करता हैं।